pyaar jab naa diyaa zi.ndagii ne kabhii (Sitamgar)
Majrooh's words are pedestrian for the most part but then he strikes a gold with this - "wo to kahataa rahaa, zi.ndagii ke liye/ ek muhabaat ke sivaa kuchh na mujhako chaahiye." Kishore is at his soulful best. All in all, another gem from that wonderful music score called 'Sitamgar'.
प्यार जब ना दिया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
जुर्म की है सज़ा, ये तो जानें सभी
कोई मुजरिम क्यूँ बना ये नहीं मानें कभी
साथ जब ना दिया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
दाग़ लगता रहे, फिर भी जीना पड़े
ज़िल्लतों रुसवाइयों का ज़हर भी पीना पड़े
रहम जब ना किया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
वो तो कहता रहा, ज़िंदगी के लिये
एक मुहब्बत के सिवा कुछ न मुझको चाहिये
प्यार जब ना दिया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
In ISB format:
प्यार जब ना दिया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
जुर्म की है सज़ा, ये तो जानें सभी
कोई मुजरिम क्यूँ बना ये नहीं मानें कभी
साथ जब ना दिया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
दाग़ लगता रहे, फिर भी जीना पड़े
ज़िल्लतों रुसवाइयों का ज़हर भी पीना पड़े
रहम जब ना किया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
वो तो कहता रहा, ज़िंदगी के लिये
एक मुहब्बत के सिवा कुछ न मुझको चाहिये
प्यार जब ना दिया ज़िंदगी ने कभी
फिर सितमगर कौन हुआ आदमी या ज़िंदगी
In ISB format:
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\stitle{pyaar jab naa diyaa zi.ndagii ne kabhii}%
\film{Sitamgar}%
\year{1985}%
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\singer{Kishore}%
\music{R D Burman}%
\lyrics{Majrooh}%
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% Audio on: HMV
% Contributor: Vinay P Jain
% Transliterator: Vinay P Jain
% Date: 8 Aug 2003
% Series: Tere Hamsafar Geet Hain Tere (THGHT)
% Comments:
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#indian
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pyaar jab naa diyaa zi.ndagii ne kabhii
phir sitamagar kaun huaa aadamii yaa zi.ndagii
jurm kii hai sazaa, ye to jaane.n sabhii
koii mujarim kyuu.N banaa ye nahii.n maane.n kabhii
saath jab naa diyaa zi.ndagii ne kabhii
phir sitamagar kaun huaa aadamii yaa zi.ndagii
daaG lagataa rahe, phir bhii jiinaa pa.De
zillato.n rusavaa_iyo.n kaa zahar bhii piinaa pa.De
raham jab naa kiyaa zi.ndagii ne kabhii
phir sitamagar kaun huaa aadamii yaa zi.ndagii
wo to kahataa rahaa, zi.ndagii ke liye
ek muhabbat ke sivaa kuchh na mujhako chaahiye
pyaar jab naa diyaa zi.ndagii ne kabhii
phir sitamagar kaun huaa aadamii yaa zi.ndagii
%
#endindian
\endsong
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